Badami Caves / बादामी गुफा Karnataka
Badami caves / बादामी गुफा - Karnataka
बादामी गुफा कर्नाटक के बीजापुर जिले के आइहोल के पास स्थित है । बादामी ऐतिहासिक नगर में स्थित एक हिन्दू और जैन गुफा मन्दिरों का एक परिसर है। यह भारतीय शैलकर्तित वास्तुकला का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है, जिसमें विशेषकर बादामी चालुक्य वास्तुकला देखी जा सकती है। इन गुफाओं का निर्माण 6वी सदी से 8वी सदी के बीच का हैं। इन गुफाओं की कुल संख्या 4 है। पहली गुफा शैव धर्म , दूसरी और तीसरी गुफा वैष्णव धर्म और गुफा संख्या 4 जैन धर्म से संबंधित है । गुफा संख्या चार का निर्माण चालुक्य राजा मंगलेश के समय ( 579 ) में हुआ था। बादामी गुफा का प्राचीन नाम वातापी है । इन गुफाओं में वैष्णव तथा शैव धर्म से संबंधित अनेक वास्तुशिल्प प्राप्त हुए है। बादामी गुफा मन्दिर दक्कन पठार के प्राचीनतम मन्दिरों में से हैं। इनके और ऐहोले के मन्दिरों के निर्माण से मलप्रभा नदी के घाटी क्षेत्र में मन्दिर वास्तुकला तेज़ी से विकसित होने लगी थी। बादामी गुफा मंदिर द्रविड़ तथा नगर शैली में बने है । यह मंदिर अगस्त्य झील के चारों ओर ऊबड़-खाबड़, लाल बलुआ पत्थर की चट्टान के नीचे एक खड्ड में स्थित है। इन गुफाओं की खोज स्टेला क्रामेरिश ने 1924 में की थी। बादामी गुफाओं की विशेषता देखकर Parshie Brown कहते है " बादामी गुफा के वैभव को देखकर मनुष्य चकित हुए बिना नहीं रह सकता।"
इन गुफाओं की प्रारंभिक जानकारी वर्गीज एवं बनर्जी ने दी थी । इन गुफा चित्रों कि खोज 1938 में हुई थी। इन गुफाओं में शिव पार्वती विवाह, नटराज मूर्ति , गणेश नंदी मूर्ति , भगवान विष्णु के विभिन्न अवतारों की वास्तु एवं शिल्प कलाएं चित्रित है ।
गुफाओं से प्राप्त कलाएं -
1 - पहली गुफा - शिव पार्वती विवाह, नटराज मूर्ति , महिषासुरमर्दिनी मूर्ति , अर्धनारीश्वर , गणेश नंदी मूर्ति, आकषधारी विद्याधर ।
2 - दूसरी और तीसरी गुफा - वामन , वाराह, नरसिंह, हरिहर , शेषणायी विष्णु ।
3 - चौथी गुफा - पार्श्वनाथ , महावीर , आदिनाथ जैन तीर्थकर , विष्णु प्रतिमा , वाराह प्रतिमा आदि ।
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