Chausath Yogini Mandir - Madhya Pradesh
Chausath Yogini Mandir / चौसठ योगिनी मंदिर
मध्य प्रदेश के मुरैना जिले मे मितावली नामक जगह पर स्थित एक प्राचीन मंदिर है जो चौसठ योगिनी मंदिर के नाम से विख्यात है यह मंदिर ग्वालियर शहर से लगभग 30 km की दूरी पर स्थित है । मुरैना में स्थित यह मंदिर तंत्र-मंत्र के लिए दुनियाभर में जाना जाता था। इस रहस्यमयी मंदिर को तांत्रिक यूनिवर्सिटी भी कहते थे। यहां पर दुनियाभर से लाखों तांत्रिक तंत्र-मंत्र की विद्या सीखने के लिए आते थे। इस मंदिर का आकार वृत्ताकार है जिसमे 64 कक्ष है । इसके मध्य मे एक खुला हुआ मंडप है । हमारे भारत का संसद भवन भी इसी मंदिर की शैली का प्रेरणास्त्रोत है । विक्रम संवत 1383 के एक शिलालेख के अनुसार मंदिर का निर्माण कच्छपघाट राजा देवपाल ( 1055 - 1075 ) मे करवाया गया था । भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने 1951 मे दिनांक 28/11/1951 में इस मंदिर को एक प्राचीन और ऐतिहासिक स्मारक घोषित किया है। चौसठ योगिनी मंदिर, मुरैना, जिसे एकत्तरसो महादेव मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, लगभग सौ फीट ऊंची एक अलग पहाड़ी पर स्थित, यह गोलाकार मंदिर नीचे की ओर खेती किए गए खेतों का शानदार दृश्य प्रस्तुत करता है। इस मंदिर का नाम इसके कक्षों के अंदर शिवलिंगों की बहुलता की उपस्थिति के कारण रखा गया है। यह गोलाकार मंदिर भारत में ऐसे बहुत कम मंदिरों में से एक है। यह एक योगिनी मंदिर है जो चौंसठ योगिनियों को समर्पित है। यह बाहरी रूप से गोलाकार है जिसकी त्रिज्या 170 फीट है और इसके आंतरिक भाग में 64 छोटे कक्ष हैं। मुख्य केंद्रीय मंदिर के भीतर स्लैब कवरिंग हैं जिनमें वर्षा जल को एक बड़े भूमिगत भंडारण में निकालने के लिए छिद्र हैं। छत से वर्षा जल को भंडारण तक ले जाने वाली पाइप लाइनें भी दिखाई देती हैं।
मंदिर का डिज़ाइन भूकंप के झटकों को झेलने में सक्षम है । ऐसा कहा जाता है कि यह मंदिर सूर्य के पारगमन पर आधारित ज्योतिष और गणित की शिक्षा प्रदान करने का स्थान था। मान्याता है कि मां काली का चौसठ योगिनी माता अवतार हैं। घोर नाम के राक्षस के साथ युद्ध लड़ते हुए माता आदिशक्ति काली ने इस रुप को धारण किया था। यह रहस्यमयी मंदिर इकंतेश्वर महादेव मंदिर के नाम से भी मशहूर है।
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