Sigiriya Caves Sri Lanka / सिगिरिया गुफा

 Sigiriya Caves Sri Lanka / सिगीरिया गुफा

सिगिरिया गुफा 



श्रीलंका के मताले जिले (Matale District) में स्थित विशाल पाषाण, प्राचीन शैल-दुर्ग तथा राजमहल का एक खंडहर है। इसके चारो ओर घने बाग, जलाशय तथा अन्य भवन हैं। यह एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। यह गुफा अपने प्राचीन चित्रकला (पेंटिंग) के लिये भी प्रख्यात है जिसकी चित्रकारी भारत की अजन्ता की गुफाओं के समान है । यह श्रीलंका के सात विश्व धरोहल स्थलों में से एक है। यूनेस्को ने इसे 1882 में  'विश्व का आठवाँ आश्चर्य' घोषित किया है। मान्यता यह भी है कि यह प्राचीन रामायण काल में वही सोने की लंका थी जहाँ कभी रावण राज किया करता था । प्राचीन श्रीलंकाई कालक्रम कुलावंसा के अनुसार , इस स्थल को राजा कश्यप (477 - 495 ईस्वी) ने अपनी नई राजधानी के लिए चुना था। उन्होंने इस चट्टान के शीर्ष पर अपना महल बनवाया और इसके किनारों को रंगीन भित्तिचित्रों से सजाया ।    गुफाओं की खोज 1830 में ब्रिटिश आर्मी के Major Forum's ने की थी । सिगिरिया गुफाओं की संख्या 6 है , जिनमे से केवल दो ही गुफाओं में चित्र शेष है कुल 21 रूपनयनी स्त्रियों के चित्र प्राप्त है। 1889 में  A. Murey ने यहां की 13 आकृतियों की पेस्टल तथा रंगीन छायाचित्रों के द्वारा प्रतिलिपियां तैयार की जो  Sri Lanka के Colombo Museum मे है। सिगिरिया गुफा का प्रवेश द्वार सिंह के आकार का हैं इसलिए यह गुफा सिंहगिरी के नाम से भी प्रसिद्ध है। सिगरिया गुफा में चित्रकारी केवल लाल , पीले और हरे रंग में ही हुई है । इन चित्रों में से एक में राजकुल की महिलाएं हाथ में फूल लिए पूजा करने जाति हुई दर्शाई गई है , इन्हे दैविक रूप देने के लिए पैरों की जगह बादल बनाएं गए है । सिगिरिया में 5वीं शताब्दी के दौरान राजा कश्यप द्वारा निर्मित एक प्राचीन गढ़ शामिल है। सिगिरिया साइट में चट्टान के समतल शीर्ष पर स्थित एक ऊपरी महल के खंडहर हैं, एक मध्य-स्तर की छत जिसमें शेर गेट ( Lion gate )और इसके भित्तिचित्रों के साथ दर्पण की दीवार (  Mirror  Wall ) शामिल है, निचले महल चट्टानों के नीचे ढलानों से चिपके हुए हैं। महल के  दीवारें और उद्यान चट्टान के आधार से कुछ सौ मीटर तक फैले हुए हैं। श्रीलंका सरकार द्वारा शुरू की गई सांस्कृतिक त्रिभुज परियोजना ने 1982 में सिगिरिया पर अपना ध्यान केंद्रित किया। इस परियोजना के तहत पहली बार पूरे शहर में पुरातत्व कार्य शुरू हुआ। पैरों के ऊपर एक गढ़ा हुआ शेर का सिर था और प्रवेश द्वार पर पंजे थे, लेकिन सिर सालों पहले गिर गया था।सिगिरिया में मानव निवास का सबसे पहला प्रमाण सिगिरिया चट्टान के पूर्व में अलीगला रॉक आश्रय है, जो दर्शाता है कि यह क्षेत्र लगभग पांच हजार साल पहले मेसोलिथिक काल के दौरान कब्जा कर लिया गया था ।

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