Ajanta Caves Maharashtra / अजंता गुफा

 Ajanta Caves/ Maharashtra अजंता गुफा 








महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर से करीब 100 km की दूरी पर स्थित एक विशालकाय पारिजात वृक्ष की  घाटी में सुंदर मनोरम अजंता को एक विशाल घोड़े की नाल के आकार में तैयार किया गया है । इन गुफाओं को एक ही शिलाखंड को तराशकर बनाया गया है । ये गुफाएं आरंभिक बौद्ध वास्तुकला , गुफा चित्रकला एवं शिल्पकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है । इन गुफाओं मे भगवान बुद्ध को समर्पित पूजा कक्ष , विहार , और बौद्ध मठ स्थित है , जहा बौद्ध मठ वासी ध्यान तथा बौद्ध उपदेशों का अध्ययन करते थे । इन गुफाओं की दीवारों पर बुद्ध के जीवन संबंधी घटनाओं को तराशा गया है । 700 वर्षों तक व्यस्त रहने के बाद अजंता गुफाओं को जैसे भुला दिया गया । ये गुफाएं लगभग एक सदी से भी अधिक समय तक मानो काल के अन्तराल में छिपी रही । 1819 में  ब्रिटिश सेना  के अधिकारी John Smith   ने  इन गुफाओं की खोज की । इन गुफाओं के आकार का दृश्य घोड़े की नाल के समान दिखता है । इन गुफाओं की विशेषता यह है कि इन गुफाओं का निर्माण छत से नीचे की ओर हुआ है ।  गुफाओं में चित्र की रचना वकाटक और चालुक्य के शासन काल की मानी जाती है । अजंता में कुल 30 गुफाएं हैं जिनमे 547 जातक कथाओं का चित्रण है । 



गुफा संख्या  9 , 10 , 19 , 26 , 30 चैत्य गुफा हॉल है , और गुफा संख्या 1 , 2 , 6 , 9 , 10 , 16 , 17 चित्रित गुफाएं हैं । इनमे फ्रैस्को - टेंपरा विधि का प्रयोग किया गया है । अजंता की गुफाचित्रों में कुल 20 रेखा शैलियों का प्रयोग किया गया है । भित्ति चित्रण पर चावल की भुंसी , गोंद , गोबर , खड़िया , बारीक गजरी के गारे का प्रयोग हुआ है । रंगो में लाल , पीला , हरा , नीला , सफेद  तथा भूरे रंग का प्रयोग किया गया है । पीला रंग संखिया के भस्म से बना है । अजंता के कलाकारों ने मिलन बिंदु को दर्शकों के नेत्र पर स्थिर रखा है । चकोर वस्तु के दूर का भाग बड़ा और समीप का भाग छोटा बनाया है । चित्रों में यूनानी परिप्रेष्य है । अजंता की गुफा संख्या 1 , यह  20 स्तम्भों पर बना बड़ा हॉल है इसमें बोधिसत्व पद्मपाणि सबसे प्रसिद्ध चित्र है । अन्य चित्रों में नागराज की सभा , मार विजय , बैलों की लड़ाई , श्रावस्ती चमत्कार , प्रेमी युगल, शंखपाल , वज्रपाणी , राजकीय शोभा यात्रा , छत पर कमल हंस का आलेखन है । गुफा संख्या 2 में मायादेवी का स्वप्न, बुद्ध जन्म , इंद्रलोक, एक हजार बुद्ध , बुद्ध के सात कदम , सुनहरे मृग द्वारा धर्मोपदेश आदि कथाएं चित्रित है । गुफा संख्या 6 एक ही शिलाखंड से अर्धगोलाकर स्तूप के रूप में बनाई गई है इनमे केश संस्कार से युक्त सुंदरी , द्वारपाल और भिक्षु । गुफा संख्या 9 में स्तूप पूजा , नागपुरुष , । गुफा संख्या 10 एक हीनयान मंदिर है जिनमे 40 स्तंभ है जो बड़ी खूबसूरती से तराशे गए है । इस गुफा में सातवाहन काल का लेख , साम जातक , जुलूस । गुफा संख्या 16 में मरणासन्न राजकुमारी , मायादेवी का स्वप्न , बुद्ध का गृह त्याग जैसी अन्य जातक कथाओं का चित्रण किया गया है। गुफा संख्या 17 सबसे अधिक चित्रित मानी जाती है इनमे शिबी जातक , मृग जातक , महाकपि जातक , महाहंस जातक , राहुल समर्पण, माता पुत्र , भिक्षा , उड़ती हुई अप्सराएं जैसे अनेकों चित्र है । गुफा संख्या 19 यह एक घोड़े की नाल के आकार का मंदिर है इसमें बुद्ध की आकृतियां है । गुफा संख्या 21 - 25 यह सभी अधूरी रह गई है परन्तु इनमे से चित्रों कि सुंदर कला प्रदर्शित है । गुफा संख्या 26 में बुद्ध की प्रतिमा , बुद्ध का महापरिनिर्वाण तथा मारविजय की मूर्ति प्राप्त है । अजंता की गुफाओं को विश्व धरोहर की सूची में 1983 में शामिल किया गया ।

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