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अक्तूबर, 2023 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Kanheri Caves Maharashtra / कन्हेरी गुफा

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 Kanheri Caves Maharashtra/ कन्हेरी गुफा  कन्हेरी की  गुफाएँ मुंबई शहर के पश्चिमी क्षेत्र में बसे बोरीवली के उत्तर में स्थित हैं। यह गुफाएं संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान के परिसर में ही स्थित हैं और मुख्य उद्यान से 6 Km और बोरीवली स्टेशन से 7 Km दूर हैं। ये गुफाएं बौद्ध कलाओं को दर्शाती हैं। कन्हेरी शब्द कृष्णगिरी यानी काला पर्वत से निकला है। इन गुफाओं का निर्माण बड़े - बड़े बेसाल्ट की चट्टानों को  तराशकर बनाया गया है। कन्हेरी की गुफाए भारत में सबसे बड़ी विशालतम गुफाओं का समूह है इनकी संख्या 109 है । इन गुफाओं की लंबाई 86 ft , चौड़ाई 40 ft , ऊंचाई 50 ft  hai । इनमे 34 स्तंभ हैं। यह गुफाएं मौर्य और कुषाण काल की मानी जाती है । यह गुफाएं भारतीय वास्तुकला के अप्रतिम केंद्रों में से एक है । गुफा के स्तंभों के ऊपर की  नर-नारी-मूर्तियों को कुछ लोगों ने निर्माता दंपति होने का भी अनुमान किया है जो संभवत: अनुमान मात्र ही है। कान्हेरी की गणना पश्चिमी भारत के प्रधान बौद्ध गिरिमंदिरों में की जाती है और उसका वास्तु अपने द्वार, खिड़कियों तथा मेहराबों के साथ कार्लें की शिल्पपरंपरा का अनुकरण करता है।कान्

Sigiriya Caves Sri Lanka / सिगिरिया गुफा

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 Sigiriya Caves Sri Lanka / सिगीरिया गुफा सिगिरिया गुफा  श्रीलंका के मताले जिले (Matale District) में स्थित विशाल पाषाण, प्राचीन शैल-दुर्ग तथा राजमहल का एक खंडहर है। इसके चारो ओर घने बाग, जलाशय तथा अन्य भवन हैं। यह एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। यह गुफा अपने प्राचीन चित्रकला (पेंटिंग) के लिये भी प्रख्यात है जिसकी चित्रकारी भारत की अजन्ता की गुफाओं के समान है । यह श्रीलंका के सात विश्व धरोहल स्थलों में से एक है। यूनेस्को ने इसे 1882 में  'विश्व का आठवाँ आश्चर्य' घोषित किया है। मान्यता यह भी है कि यह प्राचीन रामायण काल में वही सोने की लंका थी जहाँ कभी रावण राज किया करता था । प्राचीन श्रीलंकाई कालक्रम कुलावंसा के अनुसार , इस स्थल को राजा कश्यप (477 - 495 ईस्वी) ने अपनी नई राजधानी के लिए चुना था। उन्होंने इस चट्टान के शीर्ष पर अपना महल बनवाया और इसके किनारों को रंगीन भित्तिचित्रों से सजाया ।    गुफाओं की खोज 1830 में ब्रिटिश आर्मी के Major Forum's ने की थी । सिगिरिया गुफाओं की संख्या 6 है , जिनमे से केवल दो ही गुफाओं में चित्र शेष है कुल 21 रूपनयनी स्त्रियों के चित्र प्राप्त है। 1

Badami Caves / बादामी गुफा Karnataka

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 Badami caves / बादामी गुफा - Karnataka  बादामी गुफा कर्नाटक के बीजापुर जिले के आइहोल के पास स्थित है । बादामी ऐतिहासिक नगर में स्थित एक हिन्दू और जैन गुफा मन्दिरों का एक परिसर है। यह भारतीय शैलकर्तित वास्तुकला का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है, जिसमें विशेषकर बादामी चालुक्य वास्तुकला देखी जा सकती है। इन गुफाओं का निर्माण 6वी सदी से 8वी सदी के बीच का हैं। इन गुफाओं की कुल संख्या 4 है। पहली गुफा शैव धर्म , दूसरी और तीसरी गुफा वैष्णव धर्म और गुफा संख्या 4 जैन धर्म से संबंधित है । गुफा संख्या चार का निर्माण चालुक्य राजा मंगलेश के समय ( 579 ) में हुआ था। बादामी गुफा का प्राचीन नाम वातापी है । इन गुफाओं में वैष्णव तथा शैव धर्म से संबंधित अनेक वास्तुशिल्प प्राप्त हुए है। बादामी गुफा मन्दिर दक्कन पठार के प्राचीनतम मन्दिरों में से हैं। इनके और ऐहोले के मन्दिरों के निर्माण से मलप्रभा नदी के घाटी क्षेत्र में मन्दिर वास्तुकला तेज़ी से विकसित होने लगी थी। बादामी गुफा मंदिर द्रविड़ तथा नगर शैली में बने है । यह मंदिर  अगस्त्य झील के चारों ओर ऊबड़-खाबड़, लाल बलुआ पत्थर की चट्टान के नीचे एक खड्ड में स्थित है

Bagh Caves Madhya Pradesh / बाघ गुफ़ा

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 Bagh caves / बाघ कि गुफाएं - Madhya Pradesh बाघ की गुफाएं वर्तमान में  मध्य प्रदेश के धार जिले में इंदौर से 150 km की दूरी पर स्थित है । यह गुफा प्राचीन ग्वालियर राज्य में विध्यांचल पर्वत की श्रेणी में नर्मदा नदी की सहायक नदी बाघिनी नदी के किनारे स्थित है। स्थानीय लोग इसे पंच पांडव कि गुफा के नाम से पुकारते है । यही पर बाघेश्वरी देवी का प्राचीन मंदिर भी है। बाघ कि गुफाएं भित्तिचित्रों के लिए प्रसिद्ध है। बाघ गुफाओं का उत्खनन 5वीं-6वीं शताब्दी ईस्वी में किया गया था । ये गुफाएं गुप्त या सातवाहन काल से संबध रखती है। वर्तमान में बाघ कि कुल 9 गुफाओं में से केवल 2 ही चित्रित गुफा शेष है । इन गुफाओं कि चित्रकारी अजंता के समान है । यह गुफ़ाएं कलीयन कि गुफाओं के नाम से भी प्रसिद्ध है । बाघ की गुफाओं की खोज लेफ्टीनेंट डेंजरफील्ड ने 1818 में कि थी। सर्वप्रथम इन गुफाओं का परिचय डेंजरफील्ड ने मुंबई में प्रकाशित ' साहित्य विनियम संघ ' में किया था । बाघ की ये सभी गुफाएं विहार गुफ़ाएं है जो बौद्ध धर्म से समंधित है , जिनमे से 5 गूफाओं की जानकारी प्राप्त है - और  केवल 2 ही गुफाओं में चित्र शेष 

Mirzapur / मिर्जापुर उत्तर प्रदेश

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 मिर्जापुर कि गुफाएं / Mirazapur Caves - Uttar Pradesh  मां विंध्यवासिनी देवी मन्दिर  मिर्जापुर कि गुफाएं विंध्याचल पर्वत कि कैमूर श्रृंखला मे सोन नदी घाटी में स्थित है। इस घाटी में सौ ( 100 ) से अधिक चित्रित गुफाएं तथा शिलाश्रय प्राप्त है। मिर्जापुर गुफ़ा चित्रों कि खोज सर्वप्रथम ( 1880 ) आर्चीवाल्ड कार्लाइल एवं जॉन कॉकबर्न ने कि थी । इन गुफाओं में आज भी प्राचीन चित्रों के प्रमाण सुरक्षित है। यह गुफा चित्र नवपाषाण काल के माने जाते है जो 30000 वर्ष पूर्व के है। यहां कि चित्रित गुफाओं को सर्वप्रथम प्राचीन मानव का निवास स्थान बताया गया है। मिर्जापुर इलाहाबाद से लगभग 87 किलोमीटर और वाराणसी से 67 किलोमीटर दूर है।  यह स्थान अपने कालीनों और ब्रासवेयर उद्योगों के लिए जाना जाता है। यहां के गुलाबी पत्थर गुप्त काल के स्तूपों और मंदिरों के निर्माण मे प्रयोग किए जाते थे। कई पहाड़ियों से घिरा हुआ यह स्थल विंध्याचल, अष्टभुजा और काली खोह के पवित्र मंदिर के लिए प्रसिद्ध है , और यहां  ​​ देवरहवा बाबा आश्रम भी स्थित है। यहा कई झरने और प्राकृतिक स्पॉट हैं ।  यह स्थान सोनभद्र के विभाजन से पहले एक बार उत्त

Panchmadhi Caves पंचमढ़ी गुफाएं - मध्य प्रदेश

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 Panchmadhi Caves  पंचमढ़ी गुफाएं - मध्य प्रदेश  ( सतपुड़ा कि रानी ) पंचमढ़ी कि गुफाएं  भारत के मध्य प्रदेश राज्य के नर्मदापुरम जिले में स्थित एक आकर्षण केंद्र स्थल है। यह स्थान मध्य प्रदेश में महादेव पर्वत श्रृंखला में स्थित है।  पंचमढ़ी भारत मे सतपुड़ा की रानी के नाम से प्रसिद्ध है। यह गुफाएं महाभारत के पांच पांडवों से संबंधित मानी जाती है। माना जाता है कि पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान अपना समय इन्ही गुफाओं में व्यतीत किया था । इस पर्वत श्रृंखला में करीब 50 गुफाओं का समूह है, और इन सभी गुफाओं मे महत्वपूर्ण प्रागेतिहासिक चित्र कलाएं प्राप्त हुईं है । इन सभी गुफा चित्राें को प्रकाश मे लाने का श्रेय D.H. Gardner को है।  पंचमढ़ी घाटी की खोज 1857 में बंगाल के Captain James Forsth ने की थी। इस स्थान को अंग्रेजों ने सेना की छावनी के रूप में विकसित किया। पंचमढ़ी में आज भी ब्रिटिश काल के अनेक चर्च और इमारतें देखी जा सकती हैं। Bee Waterfall in Panchmadhi पंचमढ़ी गुफा के चित्र स्पेन के Altamira कि गूफाओं के समकक्ष है । पंचमढ़ी की गुफाओं से निम्न प्रकार के चित्र प्राप्त है --  घरेलू जीवन संबंधी

Bhimbetka Rock Shelters भीमबेटका की गुफाएं ( भारत )

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 भीमबेटका की गुफाएं ( भारत ) Bhimbetka Rock Shelters/ Zoo Rock Shelters  विश्व की प्राचीन बस्ती भीमबेटका गुफ़ा मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में स्थित हैं। यह गुफाएं भोपाल से 60 km दक्षिण में भीमबेटका नाम कि पहाड़ी पर स्थित हैं। गुफाएं चारों ओर से विंध्य पर्वत मालाओं से घिरी है। भीमबेटका कि कुल 750 गुफाएं मध्य प्रदेश के घने जंगलों में स्थित है। इन गुफाओं कि खोज पुरातत्व विभाग के  Dr Vishnu Shridhar Wakankar ने 1957-58 मे कि थी।  भारत मे स्थित भीमबेटका कि गुफाएं विश्व कि सबसे प्राचीन बस्ती मानी जाती है। ये गुफाएं प्राचीन आदि मानव का निवास स्थान थी। यह गुफाएं पुरा पाषाण काल _ मध्य पाषाण काल  30,000 वर्ष पूर्व की मानी जाती है। यह गुफाएं होशंगाबाद से भोपाल कि ओर जाने वाली रेल मार्ग पर बरखेड़ा तथा उबवेदुल्लागंज स्टेशन के मध्य स्थित है। भीमबेटका कि गुफाएं विश्व विरासत कि सूची मे 9 July 2003 को शामिल हुई।  Click here  👇  https://www.tripadvisor.in/Attractions-g660548-Activities-Nainital_Nainital_District_Uttarakhand.html https://www.tripadvisor.in/Attractions-g297684-Activities-Lucknow_Lucknow_